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Sunday, 31 January 2021
"किनारा"
Saturday, 7 November 2020
"एक तरफा प्यार"
Friday, 6 November 2020
"उसको मुझसे कभी प्यार न था"
"परित्यक्त स्त्री"
Monday, 24 February 2020
"प्यार का दिन है आज"
प्यार का दिन है आज
और तुम नहीं हो पास
फिर भी भिन्नी भिन्नी
वही खुशबू आसपास है!
बिखरती ओस की तरह
खिलती फूल की तरह
मेरे तन मन पर जब भी
तुम पास आते जाते थे
आत्मिय अनुभूति होती थी
कोई तो इस दुनिया में अपना है
जिसके तार दिल से जुड़े हुए!
अब तो फोन होकर भी
बड़ी फासले की खाई है
जो मिटने का नाम नहीं लेती
शायद अंतिम साँसो तक बनी रहेगा
तुम किसी और के हो चुके हो
पर पुरूष से मेरा प्यार
समाज की नज़रों में अनैतिक है!
पर मैं दूसरी औरत की तरह
तुमे शरीर से पाना नहीं चाहती
मन से चाहा है और
मन ही पाना चाहती हूँ
इहलोक में नहीं तो परलोक में
मेरा प्यार तुमसे
किसी एक दिन से नहीं है
जीवनभर और जीवनउपरान्त भी
सदा ही बना रहेगा जैसे
भगवान पर विश्वास!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
मौलिक रचना
Friday, 20 December 2019
"ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे"
सींचेगे तुझे अपने लहू से
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
खड़ा हिमालय प्रहरी है
पत्थर उसकी ढाल है
नदियाँ बनी जीवनदायनी है
झरना जिसकी झनकार है
माटी जिसकी सौंधी है खेत हरियाली
आबाद रहे ऐ भारत तू जिंदावाद रहे!
अनेक राज्य है पर देश एक
विवधता में यहाँ ऐकता है
खानपकवान,वेशभूषा है
कोश कोश पर बदलती बोली है
हिन्दी मातृभाषा न अपवाद रहे
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
गुजरात से अरूणाचलप्रदेश
विभिन्न जाति व भिन्न धर्म
देश का एक संविधान याद रहे
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
Friday, 13 December 2019
"तू छू ले मुझे"
तू छू ले मुझको
को मैं खुशबू बन जाऊँ!
तू महका दे मुझको
मैं फूल बन जाऊँ!
तू लिपट ले मुझसे
मैं चंदन बन जाऊँ!
तू घीस दे मुझको
मैं मेंहदी बन जाऊँ!
तू रस ले मेरा
मैं मधु बन जाऊँ!
तू पी ले मुझे
मैं मदिरा बन जाऊँ!
तू जला दे मुझे
मैं जुगनू बन जाऊँ!
तू मिटा दे मुझे मैं
पतंगा बन जाऊँ!
तू पूज ले मुझे
मैं मूरत बन जाऊँ!
कुमारी अर्चना 'बिट्टू'