Saturday 7 November 2020

"एक तरफा प्यार"


प्यार दो तरफा हो
या इक तरफा है
प्यार प्यार होता है
इक तरफा प्यार 
परवान नहीं चढ़ता
बीच में ही दम तोड़ देता।

किसी को चाहना
गलत नहीं,पर
किसी को पाने के लिए
किसी भी हदतक
गुजरना गलत है।

केवल मासंल पाने की
चाहत में दिखावे के लिए
किया लफ़ंगेबाजी कभी
प्यार नहीं हो सकता।

लड़की के प्रेम प्रस्ताव 
की अस्वीकृति पर उसका
पौरूष को ठेस लगती
लड़की होकर उसकी 
इतनी हिम्मत की मुझे
न कहो।
बदसूरत कर दो उसके
चेहरे को,जिस पर उसको
इतना घमंड है,एसिड
फोंको साली पर
रास्ता चलते गोली मारो
नग्न फोटो,वीडियो
वायरल की धमकी दो
ब्लैकमेल करो उसे 
गैग रैप करो
मेरी नहीं हुई तो मैं उसे 
किसी की भी नहीं होने दूँगा,
ससुराल जाके उसके
पुराने सब राज़ खोल दूँगा
फिर दौड़ी
सोने चली आएगी।

स्त्री भी पुरूष को
पाने की चाहत में
किसी भी हद तक 
चली जाती है
घड़ियाल आसूँओं को बहा
हुस्न के जाल में फंसा
षड्यंत्रों का खेलकर
तो कभी प्रेमिका व 
पत्नी की हत्या कर
पुरूष को हरहाल में
पाना चाहती है।

प्यार हमेशा देने का नाम है
किसी से जबरन छिनना 
प्यार नहीं हो सकता है
लोग अगर इसे प्यार कहते
है तो प्यार के मरम को 
नहीं समझते है
प्यार तो किस्मत वालें
को ही मिलता है।

कुमारी अर्चना"बिट्टू "
मौलिक रचना
कटिहार, बिहार

No comments:

Post a Comment