Monday 8 January 2018

"सफेद बाल"

ये सफेद सफेद होते बाल
बढ़ती उम्र की निशानियाँ है
जाता यौवन आती प्रौढ़ता
जैसे जवानी में बर्रे बुढ़ापा में ढर्रे!
पर अब तो बच्चों तक के बाल
बढ़ते प्रदूषण व शरीर में
पोषक तत्वों के आभाव में
पकते ही रहते है
सफेद बाल मकई के उस
बाली के समान है जो धीरे धीरे
पीले से लाल हो जाते
मतलब आदमी बुद्धू से
समझदार बन जाता
वो अपना भला बुरा
समझने में सक्षम है!
एक एक करके सिर के
सफेद होते बाल एक दिन
काले बालों का स्थान लें लेंगें
तब भी मैं वही "अर्चना"रहूँगी
फर्क बस इतना होगा
आज जीने के बहुत दिन बाकी
कल मरने के कुछ दिन शेष रहेगें!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
९/१/१८

No comments:

Post a Comment