Tuesday 29 January 2019

गीत

बसंत ऋतु आयो रे
मन बौरायो रे!
फूल खिलखिलायो
खुशबू फैलायो
देख रंग माधुरी
भौरा ललचायो रे
बसंत ऋतु आयो रे!
तितली फुरफुराये
कोयल कुकियायो
बौराई आम मंजरी
मोर नाच दिखायो रे
बसंत ऋतु आयो रे!
पौधे लहलहायो
कोपल निकल आयो
बही हवा वसंती
रागिनी गुनगुनाय रे
वसंत ऋतु आयो रे!
सरसों सरसायो
यौवन हरसायो
बन के वसंती गोरी गीत गायो रे
वसंत ऋतु आयो रे!
कुमारी अर्चना'बिट्टू'
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
29/1/19

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