मौन दस्तावेज लिख रही
तुम पढ़ सकते हो तो पढ़ो
क्या लिखा है मैंने तुम्हारे नाम
लिख सकते हो तो लिखो जबाब
मेरे आँसूओं से लिखा खत
समझ सकते हो तो समझो
दवात से अपना संदेश लिखो!
मेरे टूटे हुए दर्दे दिल को जोड़ कर
भेज सकते हो तो भेजो
वाट्सअप या मैसेजर पर
नहीं ना इस्ट्राग्राम पर ना विवर पर
ना ही लाइक ना इमो पर
ना ट्यूटर ना फेसबुक पर
पत्र लिखकर डाकिया से भेजो
सच्चा प्यार प्रेम पत्र में ही आता
बाकी मैं भावना शून्य है!
सरकारी नौकर हो जी
फाइलें तुम्हारी तो नीचे से ऊपर जाते जाते
कहीं मैं बूढ़ी ना हो जाऊँ
बिना घूस खिलाए आगे नहीं
बढ़ता सरकारी काम काज
मेरा मौन दस्तावेज को तुम ही
केवल समझ सकते
मेरे नाम से क्या लिखा है!
जो तुम्हारे नाम के पहले अक्षर से शुरू
होकर उसी अक्षर पर खत्म होता है
मैं भी तुम से शुरू तुमपर शेष हूँ
कहीं अवशेष ना हो जाऊँ!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
मौलिक रचना
पूर्णियाँ,बिहार
Wednesday, 17 April 2019
"मौन दस्तावेज"
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment