ओ मेरी लिली
तुमने मुझ अपना फैन्स बना लिया है
कल तक गुलाब की दिवानी थी!
लिलि तो लिलिएसी कुल का
वनस्पति नाम "लिलियम"है
इसके पौधे बड़ा कठोर है
ये कंदीय शाक सी होती
फूल होते कीपाकार है
सुन्दर,आकर्षक चमकदार
सफेद,लाल,पीला,
गुलाबी,नारंगी रंगो के!
सुगंध की बड़ी ख्याती
आकृति से भी विख्यात है
पाखुड़ियों में बाहर से भूरी
,गुलाबी वर्णरेखाएँ होती
अंदर से पीली और श्वेत आभा छुपी रहती!
लिलि की विभिन्न प्रजातियाँ
टाइगर लिलि,माडोना लिलि,
जापानी लीली,श्वेत ऐस्टर लिलि
फुटबाॅल लिलि,वाटर लिलि है
ओरिएंटल लिलि अपनों से
बड़ो को दी जाती है
जबकि नारंगी लिलि माफ़ी के लिए!
लिलि करती है कई रोगों का जैसे
गर्भवस्था में मतली को कम कर देती है
और आक्रमक प्रवृत्तियों को भी
करती आध्यात्मिक उपचार!
लिलि का एक पौधा में
अपने प्रियतम को भी मैं दूँगी
जब ललहलाएंगे उसके बागों में
उसको अपनी लिलि "अर्चना"की यादा आएगी
दोनों के प्रेमपुष्प सदाबहार रहेगें!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
मौलिक रचना
पूर्णियाँ,बिहार
Wednesday, 17 April 2019
"ओ मेरी लिलि"
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