Friday 20 December 2019

"ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे"

सींचेगे तुझे अपने लहू से
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
खड़ा हिमालय प्रहरी है
पत्थर उसकी ढाल है
नदियाँ बनी जीवनदायनी है
झरना जिसकी झनकार है
माटी जिसकी सौंधी है खेत हरियाली
आबाद रहे ऐ भारत तू जिंदावाद रहे!
अनेक राज्य है पर देश एक
विवधता में यहाँ ऐकता है
खानपकवान,वेशभूषा है
कोश कोश पर बदलती बोली है
हिन्दी मातृभाषा न अपवाद रहे
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
गुजरात से अरूणाचलप्रदेश
विभिन्न जाति व भिन्न धर्म
देश का एक संविधान याद रहे
ऐ भारत तू जिंदाबाद रहे!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"

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