Friday 15 December 2017

"चाँद बड़ा तो है"

चाँद बड़ा तो है
चाँद से बड़ा मेरा दिल
जो तुमको अपने अंदर समाँये हुए हैं!
क्योंकि चाँद चाँदनी को
अपने अंदर समाता नहीं है
उसकी रोशनी को बाहर
बिखरे देता है!
इसलिए चाँद बड़ा तो
पर मुझसे छोटा है!
कुमारी अर्चना
मौलिक रचना
पूर्णियाँ,बिहार
१५/१२/१७

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