"अपनी धड़कनों को सुनो"
अपनी धड़कनों को सुनो जो धड़क रहा तुम्हारे सीने में ये मेरा दिल है ! जो मैंने प्यार में तुमको दिया है जो मेरे दुनिया को
अलविदा कहने के बाद भी
हरपल रहेगा तुम्हारे पास मैं पास रहूँ या ना रहूँ ! मेरा प्यार हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा मेरा दिल बनकर
तुम्हारे अंदर मेरे एक बार
फिर से जीने के लिए ! कुमारी अर्चना पूर्णियाँ,बिहार, मौलिक रचना, १४/५/१८
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