Friday 11 May 2018

"मैं खाली हाथ नहीं लौटूँगी"

थोड़ी थोड़ी सी खुशी मिली
थोड़े थोड़े से ग़म मिले
थोड़ा थोड़ा सा प्यार मिला
थोड़ा थोड़ा से तुम!
थोड़े थोड़े से अपने मिले
थोड़े थोड़े से पराये भी
थोड़ी थोड़ी सी सफल हुई
थोड़ी थोड़ी सी विफल हुुई
थोड़ी थोड़ी सी मैं बची
थोड़ी थोड़ी सी जिंदगी!
सब कुछ मिला मुझको
बस थोड़ा सा मिला
बस थोड़ा सा ना मिला
चलो कुछ तो मिला
कम से कम मैं खाली हाथ
तो ना लौटूँगी!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
११/५/१८

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