Friday 10 May 2019

"इस रात के अंधेरे में"

इस रात के अंधेरे में
नाम न लो मोहब्ब़त का
ये फिसलते दिल
भटकती नजरों का धोखा है!
ये कुछ और नहीं दौलत वालों के
खेलने का एक खिलौना थी
अब तो सभी खेलते है दिल से
एक दुसरे के जज्बातों से!
ये दुनिया एक सब्जी बाज़ार है
मौल भाव करके जो चाहे खिरीद लो
मोहब्बत भी दो चार आने में बिकती है
चाहे तो हजार खरीद लो
इस रात के अंधेरे में
नाम न लो मोहब्बत का!

कुमारी अर्चना"बिट्टू"

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