तुझे क्या लगता है नाथूराम
गाँधी मर गया वो संत,महात्मा
मर गया जो अर्द्धनग्न रहता था
गोल चश्मा पहनता था
हाथ में लाठी रखता था
कमर में घड़ी लटकाता था
पाँव में खड़ाऊ पहनता था!
वो आज भी जिंदा है
भारत के हर गाँव में
लोगों के दिलों में
इतिहास के पन्नों में
कुटीर उधोगों में
चरखें की मशीनों में
खादी के वस्त्रों में!
भारत के संविधान में
नारियों के सशक्तिरण में
पिछड़ा वर्ग के उथान में
अनुसूचित के सम्मान में
अल्पसंख्यको के कल्याण में
जनजातियों के विकास में और
इनके "आरक्षण" में!
पर्यावरण की हरियाली में
स्वच्छता के वातावरण में
गौ माता के संरक्षण में
नदियों की पवित्रता में
भारत की संस्कृति में और
यहाँ की परम्परों में!
सत्य अहिंसा और न्याय में
नैतिकता व आदर्शो के सहृदयता
लोकतंत्र के विश्वास में
हिंदू मुस्लिम की एकता में
देश की एकता व अखण्डता व
समरसता में हो रहे जनआन्दोलनों में
अनुन्य व विनय के प्रयासों में
श्रम के अटूट सिद्धांत में!
हाँ ये सत्य है कि गाँधी इन्सान के रूप में
मर गया पर गाँधी का विचार नहीं!
कुमारी अर्चना
कटिहार,बिहार
मौलिक रचना
27/12/18
Thursday, 27 December 2018
"गाँधी आज भी जिंदा है"
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