पलकों का गिरना
पलकों का उठाना
पलकों का मटकना
पलकों का झपकना
पलकों का शर्माना
पलकों का बेर्शम बनना
पलकों का आँसूओं में भींग जाना
पलकों का मुस्कुराना
तुमसे ही तो सिखा है
अब मुझे तुम भूलना भी सिखा दो
जैसे मुझे प्यार करना सिखाया था
अब भूलना भी सिखा रहे
मुझसे तुम दूर रहकर!
कुमारी अर्चना'बिट्टू'
मौलिक रचना
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