Sunday, 24 February 2019

"मनहरण धनाक्षरी"

जवानों का रक्त गया
बेटा देशभक्त गया
देख के कलेजा फटा
बात ये जुबानी है!
खुले घूमते जिहादी
मिले घाटी में आजादी
विशेष ना हो संविधा
बात ये हटानी है!
उग्रवाद को मिटाना
धूल शत्रु को चटाना
उग्रवाद के खिलाफ
बन्दुके उठानी है!
बना डालो रे कहानी
बचे ना कोई निशानी
शत्रु को अपनी अब
ताकत दिखानी है!
कुमारी अर्चना 'बिट्टू'
मौलिक रचना

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