बसंत बहे प्यार में
मैं बहु तेरे प्यार में
मनका पक्षी पीहू पीहू करे
जियरा से चैन उड़ जाये!
धूप गुनगुनी मोरा जौबन खिलाये
मंजरी की छटा उपवन महकाये
देख पपीहा डाली पर मुस्काये
शीतला पवन मोरी धानी चुन्नरी बनकर
मोह से लिपट जाये
अरूणोदय जब रश्मियाँ बिखराये
यामिनी चाँदनी को नहाये
अलबेली का अलबेला से मिलन
मधुमास बन जाये!
कुमारी अर्चना 'बिट्टू'
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