Friday 8 February 2019

"नदी के सीने पे रखा"

नदी के सीने पर रखा
अनेकों अनेकों पत्थर
दर्द तो दोनो को होता
एहसास ए दिल ना होता
दोनों की सिसकियों को
ना तुम ना कोई और सुनता!
कुमारी अर्चना'बिट्टू'
मौलिक रचना

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