Wednesday 6 March 2019

"ईश्वर की सुविचारित योजना"

चाँद का चाँदनी से मिलना
फूल का खुशबू से निकलना
नदियों,झरनों का सागर से मिलना
सूरज का रोशनी का फैलना
आसमान में बादल का होना
चड़ियों का चहचहाना!
इन्सान का इन्सान होना जानवर न होना
सबकी हथेलियों में अलग रेखाओं का होना
जीव और जंतुओं में विविधता का होना
ईश्वर का अदृश्य होकर भी सब में होना!

प्यार का दिमाग में नहीं दिल में होना
ये कोई संयोग नहीं?
ईश्वर की सुविचारित योजना है
क्योंकि प्यार केवल दो प्रेमी प्रेमिका का
मिलन नहीं दो भावनों का मिलन है!
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
मौलिक रचना

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