Monday 4 March 2019

"इंतजार"

और कितना करूँ इंतजार
तेरे आने का
आँखो के बहते आँसओं का
किसी के पोछने का
मेरे टूटे दिल को किसी के जोड़ने का
मेरे दर्द पर तेरे मरहम लगाने का
तेरी की बेवफाई का
अब तो मुझे मेरी साँसो के
टूटने का इंतजार है
ना कुछ खोने का
ना कुछ पाने का!
कुमारी अर्चना'बिट्टू'
मौलिक रचना

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