Wednesday 27 March 2019

"ग़ज़ल"

जला दूँ क्या?
बहा दूँ क्या?
जगे रहते
सुला दूँ क्या?
चमन को फिर
सजा दूँ क्या?
तुम्हारा गम
हटा दूँ क्या?
बड़े आतुर
चुपा दूँ क्या?
तुम्हें सुन्दर
बना दूँ क्या?
बहुत नफ़रत
भुला दूँ क्या?
कोई किस्सा
सुना दूँ क्या?
बहुत पीते
छुड़ा दूँ क्या?
शरारत को
भुला दूँ क्या?
गुड़ागर्दी
हटा दूँ क्या?
कुकर्मी को
सजा दूँ क्या?
कुमारी अर्चना"बिट्टू"
मौलिक रचना
पूर्णियाँ,बिहार

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