नया नोट हूँ
दिखने में छोटा लगता हूँ
पर वजन मेरा
पहले वाले नोट से भी ज्यादा है
बोलो तो कैसे?
कालेधन के एक हजार और
पांच सौ को रिप्लेस कर आया हूँ!
हल्का समझ हँसो ना मुझपर
फँस कर जाओगे जेल में
जब पड़ेगी इन्कम टैक्स की रेड
तुम्हारी तिजोरी में!
दुनिया में आते ही
अपनी धाक जमा चुका हूँ
कालाबाजारी के नाम पर
धनवानों को कंगाल
कंगालों को धनवान बना चुका हूँ
मैं नयानोट हूँ!
नोटबंदी के नाम पर
रूप बदलकर फिर छपा हूँ
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने
कालाधन को सफेद धन बनाने
जाली नोटों से छूटकारा दिलाने के लिए
राज्य कल्याणकारी उद्देश्यपूर्ति
जनकल्याण के लिए आया हूँ
मैं नया नोट हूँ!
कुमारी अर्चना'बिट्टू' मौलिक रचना
Monday, 4 March 2019
"नया नोट हूँ"
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