जाने कितने पत्र लिखे
इस जिंदगी में मैंने
कुछ अनुरोध पत्र
कुछ आदेश पत्र
कुछ संदेह पत्र
कुछ अधुरे पत्र
अन्तिम तुम्हारे नाम
मैं "कुमारी अर्चना"
शपथ पत्र लिख रही हूँ
मेरे दिल पर और मरने के बाद
मेरी रूह पर
तुम्हारा ही नाम होगा!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
१६/४/१८
No comments:
Post a Comment