Thursday 26 April 2018

"धन्य हुआ मेरा जीवन"

आर्या के आर्यावर्त में
आने का सम्मान मिला
भारत की जन्मभूमि जैसी गोदी मिली
भारत माता जैसी माता मिली
घन्य हुआ मेरा ये जीवन
जो मैंने इस देश में जन्म लिया
ओ मेरे भारत देश महान!
जियूँ तो तेरी आन के लिए
मरूँ तो तेरी शान के लिए!
दे वर मुझे ओ भारत माँ
दुश्मनों का सीना चीर सकूँ
फिर से मैं झाँसी की रानी!
तिरंगा ध्वज को ना झुकने दूँगी
लालकिला पे तिरंगा सदा लहराने दूँगी
दुश्मनों के वतन में भी
भारत का विजय पताका
लहरा कर छोडूँगी!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
११/५/१८

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