अलबेली की जब शादी की उम्र हो आई तो उसको अलबेला ढूढ़ने की सूझी सोची चुटकी बजा कर इस पहली को सुलझा दूँगी! लव और अरैंज के विवाद में उलझी पर किसको पता था वो कई वर्षों के वनवास में फंसी गई! कभी कॉलेज तो तो कभी लाइब्रेरी तो कभी केन्टीन तो कभी पार्क में कभी कोचिंग में तो कभी पार्टियों में फिर ना मिला वे छबिला! अखबारों में शादी की एंड टंगवाई सोशल साइटों के चक्कर लगाई कभी फेसबुक पर फेस मिलाई तो कभी वाट्अप पर चट्टर पट्टर की तो कभी इस्ट्राग्राम इंसर्ट किया तो कभी लाइन पर जाकर लाइक की कभी विवर में विडियो कोलिंग मिलाई तो कभी ट्यूटर पर ट्यूट किया फिर ना मिला वो दिलवाला! तो शादी डाटॉकॉम पर बायोडाटा डाला तो कभी जीवनसाथी डॉटकॉम में सर्च मारा सब कर देखा कुछ ना हुआ अब तो लगता है आँख मार कर किसी लल्लू को ही पटाना होगा उसको ही अपना सजना बनाना होगा! कुमारी अर्चना मौलिक रचना पूर्णियाँ,बिहार ५/४/१८
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