तेरे लिए सनम रे...
ना चाँद को जमी पे उतार लाऊँगी
ना आसमाँ से तारे तोड़ लाऊँगी
ना तेरे राहों में पलकें बिछाऊँगी
ना कभी आँखो में कभी आँसू लाऊँगी
ना ही प्रेम के मधुर गान गाऊँगी
बस एक दिन मैं तेरे दिल में उतर जाऊँगी
तू ढूढ़ता रहेगा जमीन पे
मैं आसमाँ में उतर जाऊँगी!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
६/४/१८
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