Friday, 10 November 2017
कौन पद्मावती
"कौन पद्मावती"
इतिहास के पन्ने पर
जिसका केवल जिक्र भर ही है
कोई रोमानी कहानी सा लगता
आलाऊद्दीन ने पद्मावती के हुस्न के
जब चर्चे सुनके बाबरा सा हुआ
दर्पण में रूप के दर्शन कर
चितौड़ पर आक्रमण किया
रत्नसिंह वीरगति को प्राप्त हुआ
पद्मवती ने सतित्व की रक्षा हेतु
जौहर किया और अन्य हरम़ की स्त्रीयों को अग्नीकुंड में काया को भष्माभूत करवाया
एक मुठ्ठी केवल राख आलाउद्दीन पाया
दूसरी तरफ देखा जाए तो लड़ने के बजाय
स्वंय आत्महत्या की और बाकियों को भी उकसाया!
कुछ लोगों ने पद्मावती को भारत माता से तुलना कर शीर्ष पर बिठाया
उनको ये पता नहीं भारत कब देश बना
भारत माता के नारे देशभक्तों ने जुबाँ से गुनगुनाये!
इतिहास तो रज़िया सुल्तान का है
जिसने सत्ता प्राप्ती के लिए तलवार चमकाई!
इतिहास तो लक्ष्मी बाई का
जिसने मर्दानी बनकर
अंग्रेजो के दाँत खट्टे कर दिए!
सरोजनी,ऐनी व मैडम भीकाजी कामा और अनेको वीरागंनाओ की है
जिन्होनें राष्ट्रीय आंदोलन में कमाल दिखलाये!
इतिहास इंदिरा गाँधी का है जिसने शक्ति बनके
पाकिस्तानी सैना को धूल चटाया!
बाजीराव की मस्तानी पर जब
बाजीराव मस्तानी फिल्म बनती
तो बाजीराव का गाथा दिखती
मराठों का इतिहास में केवल शिवाजी लिखा है!
इतिहास पद्मवती का चलचित्र
बनकर फिर से एक बार सामने आया है
नचनिया के रूप में जब भंसाली ने दिखाया है
राजपूतना के लहू में लहू नहीं क्रोद्ध दौड़ा
जगह जगह पोस्टर और उसके पुलते जलाये
पर जबर्दस्त पब्लिसिटि उल्टे
इसको मिली!
ये संतोषी माँ और शनि देव के नाम से
चलते सिरियल है जो हर घर में
जय जय संतोषी माँ जय जय माँ के नारे बनके गुँजते
हर मंदिर में शनिदेव की एक मूर्ति बनती
अपने कर्मो का दंड पाने के लिए सजय रहो
पाप मिटाने को और कर्मकांड बढ़े
मिडिया की बनाये ये देवी देवता है!
कभी तो सत्य का आइना दिखाते
तो कभी इतिहास को छेड़छाड़ कर
समाज को बँटने और अव्यवस्था फैलाते
वाहवाही और खूब सारा धन बटोरते
विवाद और हंगामे के बाद सब भूल जाते!
कुमारी अर्चना
पूर्णियाँ,बिहार
मौलिक रचना
११/११/१७
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